सावधान: ब्लैक फंगस को हल्के में लेने की न करें भूल, भुगतने पड़ सकते हैं बुरे परिणाम, यहां जानें इससे जुड़ी हर बात
डॉ राजीव रंजन
एम्स, दिल्ली (एमडी, लैब मेडिसिन)
कोरोना की पहली लहर जितनी खतरनाक थी, उसके मुकाबले इस वायरस की दूसरी लहर भारत में काफी खतरनाक साबित हो रही है। जहां एक तरफ स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं, तो वहीं वायरस जिस तरह से अपना रूप बदल रहा है वो चिंता का विषय बना हुआ है। इन सबके बीच ब्लैक फंगस ने हर किसी के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। इसके काफी मामले सामने आ रहे हैं। वैसे इस समस्या को म्यूकरमाइकोसिस कहते हैं, लेकिन आम भाषा में इसे ब्लैक फंगस कहा जाता है। वहीं, इसे हल्के में लेने की भूल बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं इससे जुड़े कई सवालों के जवाब।
सवाल: ब्लैक फंगस कैसे व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है?
जवाब: ब्लैक फंगस जिसे म्यूकरमाइकोसिस कहा जाता है। ये एक तरह का संक्रमण है और ये शरीर के कई हिस्सों पर अटैक कर सकता है। वहीं, अब तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें आंखों की रोशनी जाने और नाक की हड्डी गलने के मामले सामने आ चुके हैं। यही नहीं अगर इसको लेकर लापरवाही बरती गई, तो जान तक जा सकती है। इसलिए इस वायरस की पहचान करके इसका समय रहते इलाज करना जरूरी है।
सवाल: इसके लक्षण क्या हैं?
जवाब: इसके कई लक्षण हैं, जिनसे आप इसे पहचान सकते हैं:-
-नाक या चेहरे पर कालापन या फिर लाल चकत्ते होना
-एक तरफ चेहरे पर सूजन आना
-दर्द होना
-पलकों पर सूजन
-आंखें लाल होना
-धुंधला या दोहरा दिखना
-सिरदर्द होना
-उल्टी में खून आना
-दांत में दर्द या दांत का हिलना
-सांस लेने में तकलीफ।
सवाल: किन लोगों को इसका ज्यादा खतरा है?
जवाब: इससे तीन तरह के लोगों को ज्यादा खतरा है। पहले वो जिन लोगों की डायबिटीज नियंत्रित न हो, दूसरे वो जिन्हें कोरोना के इलाज के दौरान ज्यादा स्टेरॉयड दिया गया हो और तीसरे वो लोग जो कैंसर, ट्रांसप्लांट के मरीज हों या फिर जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो।
सवाल: खुद का बचाव करने के लिए क्या कर सकते हैं?
जवाब:
-आपको धूल वाली जगहों पर मास्क पहनकर रखना चाहिए
-मिट्टी, काई या खाद जैसी चीजों के पास जाते समय जूते, ग्लव्स फूल स्लीव कमीज और ट्राउजर जरूर पहनें
-खासतौर पर साफ-सफाई का ध्यान रखें
-साथ ही डायबिटीज पर कंट्रोल, इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल करके भी इससे बचा सकता है।